रामदास अठावले कँगना के सप्पोर्ट में इतने मग्न हो गए कि उनके कार्यकर्ता एयरपोर्ट पर उसके स्वागत के लिए
खड़े थे और आज रामदास अठावले उनके घर खड़े है।
अब इसपर उनकी हैसियत देखिये की;
"वो एक केंद्रीय मन्त्री है, कँगना रानौत को उनके घर जाकर समर्थन के लिए शुक्रिया कहना चाहिए था या कम
से कम ट्वीट करके ही धन्यवाद कर देती लेकिन इंहा एक केंद्रीय मंत्री मामूली सी एक्ट्रेस के घर जाकर मुलाकात
कर रहा है"
इसे ही ; "हैसियत कहते है"
मैं बहन जी का इसलिए ही प्रशंसक हु की कँगना के पीछे खड़े लोग, बल्कि साउथ के सुपरस्टार चिरंजीवी के
इसे ही ; "हैसियत कहते है"
मैं बहन जी का इसलिए ही प्रशंसक हु की कँगना के पीछे खड़े लोग, बल्कि साउथ के सुपरस्टार चिरंजीवी के
भाई "पवन कल्याण" आंध्र प्रदेश में गठबंधन के लिए लखनऊ आए और फिर अम्बेडकर पार्क वगैरह घूमकर
बहनजी से मिलने का समय लेते रहे, जबकि आंध्रा में बसपा का कितना जनाधार होगा, जान सकते है"
इसी प्रकार बिहार में रामविलास पासवान के लड़के चिराग पासवान "कँगना" के साथ खड़े होने का आह्वान कर
इसी प्रकार बिहार में रामविलास पासवान के लड़के चिराग पासवान "कँगना" के साथ खड़े होने का आह्वान कर
रहे है, कँगना ने उनके साथ फ़िल्म तक की है, इस आह्वान पर कँगना ने ट्वीट करके उसका धन्यवाद तक नही
किया है।
वास्तव में सिर्फ और सिर्फ;
"यह ही एक कारण है की बहनजी ने बाबा साहब की कभी अठावले या चिराग की तरह बेइज्जती नही करवाई,
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वास्तव में सिर्फ और सिर्फ;
"यह ही एक कारण है की बहनजी ने बाबा साहब की कभी अठावले या चिराग की तरह बेइज्जती नही करवाई,
अपना बिंदास होकर, मनोबल से राजनीति की है और कर रही है। नही तो उनके पास इतना वोटर है कि वो हर
सरकार में स्वयं के साथ साथ अपनी पार्टी के दो या तीन अन्य केबिनेट मंत्री बनवाकर मजे ले सकती थी। लेकिन
जिस प्रकार बाबा साहब कोंग्रेस के सामने मजबूती से खड़े रहे, उसी प्रकार बहनजी खड़ी है"
यह बात;
"महाराष्ट्र के और बिहार के एससी वर्ग को समझनी चाहिए कि बसपा से जुडो या न जुडो, लेकिन कम से कम
यह बात;
"महाराष्ट्र के और बिहार के एससी वर्ग को समझनी चाहिए कि बसपा से जुडो या न जुडो, लेकिन कम से कम
बाबा साहब की इस प्रकार बेइज्जती मत करवाओ की कँगना कह देती है कि "संविधान के कारण जातिवाद
है"और तुम्हारे नेता उसके सामने हाथ जोड़कर खड़े है, जबकि उसने तुम्हारी इतनी हैसियत भी नही समझी की
ट्वीट करके चिराग औए अठावले का धन्यवाद कर दे. में यह ही सोच रहा हूँ कि इन दोनों के कार्यकर्ताओ के
स्वभिमान पर यह सीधा अटैक है।
और हाँ यह भी याद दिलवा देता हूँ कि;
"यह पेंथर आंदोलन का प्रोडक्ट है। यह आंदोलन वैसा ही था जैसे उत्तर प्रदेश में कुछ लड़कों द्वारा भीड़ आर्मी
और हाँ यह भी याद दिलवा देता हूँ कि;
"यह पेंथर आंदोलन का प्रोडक्ट है। यह आंदोलन वैसा ही था जैसे उत्तर प्रदेश में कुछ लड़कों द्वारा भीड़ आर्मी
और ASP संगठन पार्टी बनाकर सोचा जा रहा है कि बस देश की सत्ता पर कब्जा कर लेंगे। वास्तव में एकाएक
उभरे और मीडिया प्रसिद्धि से बने योध्या बाद में अठावले की तरह जय कोंग्रेस या जय भाजपा करते है"
वैसे अब इस फोटो में कँगना कह रही होगी मन ही मन की, अजीब चिपकू इंसान है, घर तक आ गया।
वैसे अब इस फोटो में कँगना कह रही होगी मन ही मन की, अजीब चिपकू इंसान है, घर तक आ गया।
साभार : विकास कुमार जाटव
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