नरेंद्र मोदी सरकार से यह परिवर्तन तो आया है की अब लोगो की नैतिकता कम से कम जिन्दा हो रही है. नही तो
पप्पू यादव या उनके समर्थको को रुड्डी के घर पर खड़ी एम्बुलेंस दिख गयी, नही तो अखिलेश यादव सरकार ने
जब दुनिया की विश्वस्तरीय सुविधा वाली एम्बुलेंस व्यवस्था को केवल इसलिए बंद कर दिया था व हर जिलो को
आवंटित एम्बुलेंसो को कबाड़ा कर दिया था क्युकी वो बहन कुमारी मायावती जी ने चलाई थी, तब यह पप्पू यादव
या वाह वाह करने वाले लोगो को नही दिखा था. पप्पू यादव या उनके लिए वाह वाह कर रहे तब हिमालय पर
तपस्या करने गये थे, इसलिए दिखी नही.
इस फोटो में जो एम्बुलेंस दिख रही है. यह हजारो एम्बुलेंस इसी प्रकार कबाड़ा कर दी गयी. नही तो भारत में यह
अपने स्तर की पहली एम्बुलेंस सेवा थी, जिसमे किसी बीमार को उठाकर अस्तपाल नही छोड़ा जाता था, बल्कि
एम्बुलेंस में ही डॉक्टर की टीम उसे तुरंत इलाज प्रदान करती थी व स्तिथि जायदा गम्भीर होने पर अस्पताल में भर्ती
करवाती थी. यह गाँवों गाँवों में घुमती थी. अब किसी व्यक्ति का एक्सीडेंट हुआ, वो सडक पर तडप रहा है, उसे
तुरंत मेडिकल सुविधा चाहिए, नोर्मल एम्बुलेंस घायल को उठाकर अस्पताल छोडती है, बीच में घायल के साथ कुछ
भी हो सकता था, जबकि बहनजी द्वारा शुरू की गयी एम्बुलेंस ही अपने आप में चलता फिरता मिनी अस्पताल था.
जब दिलीप सी मंडल जी ने स्वास्थ्य व्यवस्था में अखिलेश यादव को श्रेय दिया तब मेने बहनजी द्वारा शुरू की गयी
जब दिलीप सी मंडल जी ने स्वास्थ्य व्यवस्था में अखिलेश यादव को श्रेय दिया तब मेने बहनजी द्वारा शुरू की गयी
"महामाया योजना" के बारे में बताया था. जिसके बाद जनाब मंडल जी ने यूटर्न लेकर इसे स्वीकार करके यह
स्वीकार करा की बहनजी के शासन में सबसे जायदा स्वास्थ्य सेक्टर में कार्य हुआ था.
मेने 16 अप्रैल को इस योजना के बारे में बताया था की;
मेने 16 अप्रैल को इस योजना के बारे में बताया था की;
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2010 में बहन कुमारी मायावती जी ने "आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण मुख्यमंत्री महामाया सचल अस्पताल योजना" चलाई थी, जो की एक चलता फिरता अस्पताल था.
इस योजना के अंतर्गत एक बड़ी एम्बुलेंस में डॉक्टर सहित स्टाफ होता था जो;
1.एंबुलेंस के अंदर अल्ट्रासाउंड के साथ चिकित्सकीय परामर्श एवं प्राथमिक उपचार,
2.प्रसव पूर्व एवं प्रसव बाद स्वास्थ्य परीक्षण तथा आवश्यक दवाओं का वितरण।
3.किशोरवय बालिकाओं की स्वास्थ्य जांच तथा यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य शिक्षा,
4.मलेरिया एवं टीवी जांच हेतु रक्त पट्टी संग्रहण, टीकाकरण एवं दवाइयों का वितरण।
5.परिवार नियोजन के विभिन्न माध्यमों के संबंध में जानकारी।
6.गम्भीर रोगियों को इस एम्बुलेस में भर्ती करके, उसे अस्पताल तक लेजाया जाता था. जब तक अस्पताल तक न
पहुच जाए तब तक मरीज की देखभाल एम्बुलेंस के अंदर मोजूद डॉक्टर अपनी टीम के साथ करते थे.
अब इसकी मोनिटरिंग भी सीधा लखनऊ से होती थी.
अब इस चलते फिरते अस्पताल को अखिलेश यादव जी ने खर्चीला बताकर 2013 में पूर्ण तौर से बंद कर दिया.
खैर, जब से पप्पू यादव एपिसोड हुआ है तब सही समय पर बहुजन युवाओ ने इस योजना के बारे में बताना कल से
अब इसकी मोनिटरिंग भी सीधा लखनऊ से होती थी.
अब इस चलते फिरते अस्पताल को अखिलेश यादव जी ने खर्चीला बताकर 2013 में पूर्ण तौर से बंद कर दिया.
खैर, जब से पप्पू यादव एपिसोड हुआ है तब सही समय पर बहुजन युवाओ ने इस योजना के बारे में बताना कल से
शुरू किया है.
वास्तव में बसपा में जिले स्तर पर पदाधिकारियो के पास प्रचार के लिए सबसे जायदा डाटा है. क्युकी बहनजी के
वास्तव में बसपा में जिले स्तर पर पदाधिकारियो के पास प्रचार के लिए सबसे जायदा डाटा है. क्युकी बहनजी के
कार्यकाल में इतना ज्यादा कार्य और योजनाये बनी जितनी पिछले 70 साल में भी नही बनी थी. अगर पदाधिकारी
प्रत्येक योजना का एक एक दिन करके रोजाना प्रचार शुरू कर देंगे, लोगो को बताएंगे तो 6 माह बाद आने वाले
चुनाव तक इनका वर्णन खत्म नही होगा. वर्तमान में यह कार्य सोशल मिडिया पर बिना पद, बिना किसी लालच के
बहुजन युवा कर रहे है. वो बधाई के पात्र है. जिले स्तर के पदाधिकारियो का दायरा बड़ा है, वो अगर इसपर ध्यान
देंगे तो बड़े स्तर पर बसपा को लाभ होगा.
- विकास कुमार जाटव
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