उन्होंने मायावती को "बरसाती मेंढकी" कहा। कांग्रेस फिलहाल मजदूर इश्यू को लेकर उत्तर प्रदेश में भाजपा
के साथ दो हाथ कर रही है ऐसा हमें दिखाया जा रहा है। यदि कांग्रेस को सही मायने में दया होती तो पहले वो
अपने शासक राज्य महाराष्ट्र से बेसेस शुरू कराती क्योंकि सबसे ज्यादा मजदूर यहाँ से यूपी बिहार या अन्य
राज्यों मर जा रहे है। हम सब जानते है की कांग्रेस और भाजप एक सिक्के के दो बाजू है।
प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश में प्रवेश पर बसपा सुप्रीमो मायावतीजी ने प्रेस वार्तालाप और ट्वीट किये किये
कांग्रेस और भाजपा इन मजदूरों को प्रति गन्दी राजनीति ना करे। मायावती का सरकार और कोंग्रस को बार बार
टोकना शायद अलका लाम्बा को पसंद आया नहीं।
इसीलिए शायद अलका लांबा अपने ट्वीट में लिखा की " माया की धनि उस बरसाती मेंढकी की तरह है जो मात्र चुनावी बरसातों में ही अपनी आशियानों से बाहर आती है। सीबीआई की डर से कभी कभी बिच बिच में टर्र टर्र कर राजा के प्रति अपनी श्रद्धा भी दिखाती रहती है।
दरअसल अलका लंबा का ये ट्वीट मनुवादी बेशर्मी और असभ्यता तथा अपरिपक्व राजनीति का है।
कुछ भीमसैनिक अलका लांबा को उस ट्वीट का जवाब दे रहे है।

राहुल गाँधी पर अशोभनीय व्यक्तिगत टिपण्णी करने के कारण मायावती जी ने अपनी पार्टी के उपाध्यक्ष को यह
कहकर बाहर कर दिया था कि राजनीति में "व्यक्तिगत टिपण्णी" का कोई स्थान नही है।
अब राहुल-सोनिया गांधी ने अभी तक अलका लांबा पर कोई करवाई नही की है और करेंगे भी नही।
लेकिन;"भारतीय राजनीति को स्वच्छ, मर्यादित, सभ्य रखने की हिमाकत करने वाली मायावती जी जिस कारण
अब राहुल-सोनिया गांधी ने अभी तक अलका लांबा पर कोई करवाई नही की है और करेंगे भी नही।
लेकिन;"भारतीय राजनीति को स्वच्छ, मर्यादित, सभ्य रखने की हिमाकत करने वाली मायावती जी जिस कारण
से भारतीय समाज मे निम्न समझी जाती है और आगे भी समझी जाएगी, उसी कारण से राजनीति में "दुर्गन्ध"
फैलाने वाले पार्टी कोंग्रेस के नेता सोनिया-राहुल भारतीय समाज में उच्च समझे जाएंगे।
अलका लाम्बा आपको ये बात जरूर जान लीजिये
मायावती ने जिस साल BA कम्पलीट किया उस साल अल्का लांबा का जन्म हुआ था 1975 में । मायावती ने
कालिंदी काॅलेज , दिल्ली युनिवर्सिटी से न केवल स्नातक किया बल्कि उसी युनिवर्सिटी से LLB किया । मायावती
ने B. Ed भी किया । 1977 में राजनीति में आयी और 1989 में सासंद बन गयी । किसी बड़ी पार्टी से नहीं , खुद
की मेहनत तैयार की गयी पार्टी से । वह भी उस समय जब गांव में न बिजली रहती थी , न टीवी का प्रचलन था ,
न डिश था , न सैकड़ो चैनल, न टिक -टाॅक , न फेसबुक, न ट्वीटर ।
जब मायावती पहली बार सांसद बनी तो उनकी उम्र 33 साल थी । आज अल्का लंबा 45 + है... फिर भी कुछ
नहीं हैं ।
मायावती पहली बार मुख्यमंत्री बनी तो 39 साल की थीं , जब दूसरी बार बनी तो 41साल , तीसरी बार बनी तो 44
मायावती पहली बार मुख्यमंत्री बनी तो 39 साल की थीं , जब दूसरी बार बनी तो 41साल , तीसरी बार बनी तो 44
साल , चौथी बार बनी तो 51 साल की थीं । कई बार सांसद भी रह चुकी हैं और संसद आपने स्वेच्छा से छोड़ा
इस शर्त के साथ की जिस संसद में आवाज उठाने से रोका जाय उसका सदस्य बने रहने का कोई फायदा नहीं ।
अल्का लंबा क्या है ? इतनी बड़ी पार्टी में रहकर भी एक स्ट्रगलर । मायावती के व्यक्तित्व और कृतित्व के आगे
बिल्कुल बौना ।
उम्र और अनुभव के हिसाब से भी अल्का लंबा को मायावती को सम्मान देना बनता है । एक महिला होने के नाते
उम्र और अनुभव के हिसाब से भी अल्का लंबा को मायावती को सम्मान देना बनता है । एक महिला होने के नाते
तो बहनापा तो बनता था ।
"पुरुष प्रभुत्ववादी भारतीय राजनीति में सड़क से उठकर एक महिला राजनीति में विशेष स्थान रखती है जो कि
"पुरुष प्रभुत्ववादी भारतीय राजनीति में सड़क से उठकर एक महिला राजनीति में विशेष स्थान रखती है जो कि
महिलाओ के लिए प्रेरणास्रोत है" .
इस पोस्ट में मनीष चाँद और विकास कुमार जाटव द्वारा किये हुए पोस्ट की सहायता ली है।
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