कौन है डॉ आनंद तेलतुंबड़े ? कौन है डॉ आनंद तेलतुंबड़े ? - बहुजन जागृती

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डॉ बाबासाहेब आंबेडकर : बहुजन समाजाची राजनीतिक आणि सामाजिक चळवळ

Friday, April 17, 2020

कौन है डॉ आनंद तेलतुंबड़े ?

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कुछ मित्रों ने कहा हम तो 2018 से पहले डॉ आनंद तेलतुंबड़े को नही जानते थे ? क्या फर्क पड़ता है अचानक 

आप को जानकारी मिली कोई ऐसा बुद्धिजीवी है जो जाति के विनाश की बात करता है... हिंदुत्व ब्राह्मण राष्ट्र के 

खतरे से आगाह करता हो !

डॉ बाबा साहेब आंबेडकर को पूरा अमेरिका इंग्लैंड के लोग जानते थे... लेकिन अपने ही देश में महाराष्ट्र 

छोड़कर विशेषकर उत्तर भारत के राज्यों में आंबेडकर को ब्राह्मण अख़बारों ने नदारद रखा था !

1980 में कांशीराम ने साइकिल यात्रा कर पूरे उत्तर भारत में डॉ आंबेडकर को जीवित किया... लोग आश्चर्य 

चकित होकर बोले हम लोग सोचे नेहरू गांधी के अलावा कोई बड़ा नाम भारत में नही है... नेहरू गांधी से भी 

बड़ा सामाजिक कार्य और संघर्ष डॉ आंबेडकर ने किया है !

डॉ आनंद तेलतुंबड़े डॉ आंबेडकर नही हैं, तेलतुंबड़े स्वतंत्र विचारक, शिक्षक, लेखक और डॉ आंबेडकर के 

विचारों में अपार श्रद्धा रखते हैं !

ब्राह्मण बनाम आंबेडकर की लड़ाई पुरानी है.

पेरियार ने तमिल भाषा में सच्ची रामायण लिखी... ब्राह्मण थोड़ा बहुत चिंतित हुआ, लेकिन जैसे ही ललाई सिंह 

यादव ने सच्ची रामायण का हिन्दी भाषा में अनुवाद किया ब्राह्मणों चिंतित हो उठे...

ब्राह्मण कांग्रेस ने किताब पर प्रतिबंध लगा दिया, ललाई यादव ने लंबी क़ानूनी लड़ाई लड़ी... लोग जानने लगे 

पेरियार जैसा भी कोई महान आदमी है जो ब्राह्मण धर्म से सेहमत नही है !

1980 के बाद उत्तर भारत में डॉ आंबेडकर द्वारा लिखी गई अधिकतर किताबों का हिन्दी अनुवाद उपलब्ध होने 

लगा... लोग पढ़कर सामाजिक न्याय की मशाल जलाने लगे !

डॉ तेलतुंबड़े की किताबें इंग्लिश में हैं... Republic of caste, The Persistence of caste, The Redical in 

Ambedkar... तेलतुंबड़े अपना व्यक्तव्य ज्यादातर इंग्लिश में देते हैं. पढ़े लिखे ओबीसी एससी एसटी युवाओं के 

बीच काफी लोकप्रिय हैं... RSS और BJP को डर है कही ब्राह्मणवाद पर अम्बेडकारवाद विचार भारी ना पड़ 

जाए !

RSS और बीजेपी को आंबेडकर के विचारों को फैलने से रोकना है... कल को अगर तेलतुंबड़े की किताबों का 

हिन्दी में अनुवाद हुआ तो ब्राह्मणवाद कमजोर होगा !

जौसे कांचा इलैया को कोई नही जानता था... 2005 में लिखी किताबों का 2012 के बाद हिन्दी में अनुवाद हुआ... 

ब्राह्मणवाद पर ऐसी चोट करी की उन्हें गिराफ्तार कर जेल भेजा गया... जमानत पर रिहा हुए !

कांचा इलैया का कहना है भारत गाय नही भैंस का दूध पीता है... आदर सम्मान भैंस का होना चाहिए. डॉ आनंद 

तेलतुंबड़े का कहना है जाति के विनाश के लिए आंदोलन चलाया जाए... RSS BJP को जाति में मिठास मालूम 

पड़ती है !

RSS BJP जाति का विनाश नही चाहते इसलिए 70 पार कर चुके कांचा इलैया और डॉ तेलतुंबड़े जैसे स्वतंत्र 

विचारकों का विनाश करने के लिए झूठा केस बनाकर जेल भेज देते हैं !

- क्रांति कुमार :- लेखक

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