जर्मनी सारख्या मोठ्या देशानी EVM मशीन कधीच बंद केलीय आणि तेही वोल्लेट पेपर ने मतदान करतात
.कारण त्यांना माहीत आहे कि EVM मध्ये गगडबड करण्यात येऊ शकते .आणि इकडे भारतात EVM ला मोठे
प्राधान्य आहे EVM च्या जोरावर भाजप सत्ता स्थापन करीत आहे आणि हे प्रूव्ह झालं आहे.जर भाजप पूर्ण देश
कबजा केला तर आपली लोकशाही धोक्यात येणार आहे .त्यासाठी सत्येंद्र मुरली यांनी एक पेटिशन तयार केली
आहे जर तुम्हाला लोकशाही हवी असेल तर जरूर Apply कर नाहीतर येणाऱ्या भांडवलशाहीला सामोरे जा.
त्यांचं वृत्तांत हिंदी मध्ये पुढील प्रमाणे आहे
ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) को बैन करने की मांग एवं वोटिंग के लिए बैलेट पेपर प्रणाली को वापस
लाने के लिए लोग लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. इसके पीछे पर्याप्त कारण मौजूद हैं.ईवीएम 'फ्री एंड फेयर'
नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसमें 'पेपर ट्रेल' की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने की बेहद सख्त़ आवश्यकता बताते
हुए वीवीपीएटी (पेपर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) को ईवीएम से जोड़ने का आदेश दिया था. जैसे आपको
एटीएम से पैसा निकालने के बाद पर्ची मिलती है वैसे ही, ताकि गड़बड़ी की शंका होने पर उसका फिजिकल
वेरीफिकेशन किया जा सके.
यह लोकतंत्र को बचाने के लिए जरूरी है. लेकिन चुनाव आयोग इसे टालता रहा है. मनुस्ट्रीम मीडिया ने ईवीएम
के विरूद्द संघर्ष को दबाने का ही काम किया है.यूपी चुनाव को लेकर बहन मायावती ने ईवीएम में हेराफेरी का
आरोप लगाया है. जो लोग जानते हैं कि हां, ईवीएम में हेराफेरी किया जाना संभव है, वे सभी मायावती जी के
समर्थन में हैं और जांच की मांग कर रहे हैं.
अब सवाल है कि कैसे जांचेंगे?
कोई कागज तो है नहीं, जो फिजिकल वेरिफिकेशन किया जा सके. कागज होता तो पता चल जाता कि किस
पर, कितना ठप्पा लगा है, दिख जाता, गिन लिय़ा जाता. लेकिन ईवीएम में कैसे देखोगे? किस पर कितना बटन
दबाया गया और वोट कहां गया, नहीं पता चल पाएगा.
यह 'फ्री और फेयर' नहीं है, जिसका कि भारत का संविधान बात करता है.
EVM द्वारा चुनाव लोकतंत्र के पक्ष में नहीं है. पूरा का पूरा चुनाव भी मैनेज किया जा सकता है. चुनावों को मात्र
दिखावा मत बनने दीजिए. व्यापारियों और नेताओं का इवेंट मत बनने दीजिए.लोकतंत्र के पक्ष में आइए.
#Ban_EVM #Save_Democracy #Repoll_UP
Satyendra Murli
Researcher & Journalist (DD News)