महाराजा सयाजीराव गायकवाड | MAHARAJA SAYAJIRAO GAEKWAD III AND DR B R AMBEDKAR महाराजा सयाजीराव गायकवाड | MAHARAJA SAYAJIRAO GAEKWAD III AND DR B R AMBEDKAR - बहुजन जागृती

बहुजन जागृती

डॉ बाबासाहेब आंबेडकर : बहुजन समाजाची राजनीतिक आणि सामाजिक चळवळ

Tuesday, March 12, 2024

महाराजा सयाजीराव गायकवाड | MAHARAJA SAYAJIRAO GAEKWAD III AND DR B R AMBEDKAR


<img src="baroda-maharaja-sayajirao-gaekwad-and-dr-br-ambbedkar.jpg" alt="maharaj Sayajirao Gaekwad helps dr br ambedkar"/>


        बड़ौदा नरेश महाराजा सयाजीराव गायकवाडजी MAHARAJA SAYAJIRAO GAIKWAD का जन्म आज ही के दिन 11 मार्च, 1863 को भारत के महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिला स्थित कुल्वाने गांव में हुआ। उनका मूल नाम गोपालराव था। आपके पिता काशीनाथ जी का बड़ौदा राजपरिवार से दूर का घनिष्ठ संबंध था। बड़ौदा के महाराज मल्हार राव गायकवाड़ जी की नि:संतान मृत्यु के बाद उनकी विधवा पत्नी महारानी जमुना बाई जी ने बालक गोपाल राव को 27 मई, 1875 में गोद लिया था और उनका नाम रखा सयाजीराव गायकवाड़। महारानी ने अपने दत्तक पुत्र का राज्याभिषेक 18 वर्ष की आयु में 28 नवंबर,1881 को कराया था।


        मानवता के प्रचारक बडौदा नरेश महाराज सयाजीराव गायकवाड़ और राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबा फुले की ऐतिहासिक मुलाकात पूना में सन 1885 में हुई थी। महाराज सयाजी जोतिबाराव फुले जी के 'सत्य शोधक समाज' के कार्यों से बहुत प्रभावित हुए थे। महाराज सयाजीराव गायकवाड़ ने बाबा साहब को विदेश में उच्च शिक्षा लेने हेतु 04 अप्रैल, 1913 को 11.50 पाउंड प्रतिमाह 3 वर्ष के लिए (15 जून, 1913 से 14 जून,1916 तक) स्कॉलरशिप देकर महान कार्य किया, जिससे बाबा साहब विदेशों में इतनी उच्च शिक्षा ले पाए। महाराज के नाम से बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय में सयाजीराव गायकवाड़ के नाम पर एक बड़ा पुस्तकालय है, जिसे केन्द्रीय पुस्तकालय भी कहते हैं, जो एक मुख्य पुस्तकालय है और जिसके लिए महाराज द्वारा काफी दान दिया गया था।

        वर्ष 1908 में "बैंक आफ बड़ौदा" की नींव इसी राज परिवार के सहयोग से डाली गयी थी। बड़ौदा में महाराज ने एक विश्वविद्यालय का निर्माण कराया था, जिसका नाम महाराज सयाजीराव गायकवाड़ विश्वविद्यालय है। बाबा साहब को सयाजीराव गायकवाड़ के सहयोग ने ही भारत रत्न बोधिसत्व बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर बनाया इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है। मानव हित में सयाजीराव जी द्वारा अनगिनत ऐसे कार्य किए गए हैं, जिनका उल्लेख करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।

        ऐसा महान परोपकारी महाराजा 76 वर्ष की आयु में 06 फरवरी,1939 को सदा-सदा के लिए हमारे बीच से चले गए।

        बाबा साहब जब पहली बार प्रथम गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लेने गये थे, तब उनके साथ सयाजीराव गायकवाड़ जी भी अपनी पत्नी के साथ में गये थे। गोलमेज सम्मेलन में बाबा साहब जब बढ़िया फर्राटेदार अंग्रेजी में अपना संबोधन शुरू किया, तो वहां अंग्रेज और अन्य उपस्थित भारतीय, जो गोलमेज सम्मेलन का हिस्सा थे, सब भौंचक्के से रह गये और बाबा साहब को ऐसी बढ़िया फर्राटेदार अंग्रेजी में बोलते हुए सुनकर सयाजीराव गायकवाड़ जी ने अपनी पत्नी से कहा कि-"मैंने जो डॉ0 अम्बेडकर को स्कॉलरशिप दी थी, वह आज डॉ0 अम्बेडकर ने वसूल कर दी है। मुझे गर्व है कि मैंने ऐसे विद्यार्थी को स्कॉलरशिप दी है, जो एक न एक दिन भारत का ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व का महापुरुष बनेगा।" वास्तव में आधुनिक भारत के युगप्रवर्तक बाबा साहब को जो स्कॉलरशिप सयाजीराव गायकवाड़ जी ने दी थी, उसकी एक-एक कीमत बाबा साहब ने वसूल कर दी थी। परन्तु हमें व हमारे बच्चों को जो स्कॉलरशिप बाबा साहब की बदौलत आज तक मिल रही है, क्या हम उसका मूल्य समाज को आज तक चुका पाएं हैं? यह प्रश्न सदैव बना हुआ है।

        सामाजिक क्षेत्र में सयाजीराव का बड़ा योगदान रहा है। पर्दा प्रथा पर रोंक, कन्या विक्रय पर रोंक, अन्तर्जातीय विवाह को समर्थन, महिलाओं को वारिसान अधिकार, अस्पृश्यता निवारण, विधवा विवाह और तलाक के अधिकार पर वह अपने शासन काल में कङे कानून बनाए थे।

        उनके द्वारा सन 1882 में पिछङों के लिए 18 पाठशालाएं खुलवायी गयीं।
अपने शासन काल में वड़ोदरा की कायापलट करने वाले, सन 1910 में भारतीय पुस्तकालय आन्दोलन की शुरुआत करने वाले, पिछङों के मसीहा, सन 1875 से 1939 तक बड़ोदा रियासत के दूरदर्शी एवं विद्धान शासक, विजया बैंक (अब-बैंक आफ बङौदा) के संस्थापक, बड़ौदा सरकार की सेना में लेफ्टिनेन्ट पद पर नियुक्ति व आधुनिक भारत के युगप्रवर्तक बोधिसत्व बाबा साहब डॉ.भीमराव अम्बेडकर जी को विदेश पढ़ने जाने हेतु छात्रवृति देने वाले, दबे-पिछड़ों की सामाजिक-शैक्षणिक उन्नति के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले, बहुजन प्रतिपालक व बहुजन क्रांति के ध्वजवाहक, शोषितों, वंचितों, पिछड़ों की तात्कालिक उम्मीद, मानवता के प्रचारक, बहुजन समाज(कुर्मी) के कुल गौरव, नासिक के कुल्वाने गांव में जन्में श्रीमंत काशीनाथ जी के सुपुत्र बड़ौदा नरेश महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय (मूल नाम-गोपाल राव गायकवाड़ जी) के जन्म दिवस 11 मार्च, (1863) पर कृतज्ञतापूर्ण नमन💐🙏

साभार; महेश कुमार गौतम, लखनऊ. 



#SAYAJIRAOGAIKWAD

#DRBRAMBEDKAR

#DRAMEDKAR

#BARODA

#VADODARA



No comments:

Post a Comment