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सोनी टीवी (Sony Tv) का रियलिटी शो कौन बनेगा करोड़पति सीजन 13 (Kaun Banega Crorepati Season 13)
के एपिसोड में आगरा की रहनेवाली दिव्यांग हिमानी बुंदेला (Himani Bundela) ने शानदार खेल प्रदर्शन करते हुए
1 करोड़ अपने नाम कर दिए. हालांकि 7 करोड़ जीतने का हिमानी का सपना अधूरा रह गया. लेकिन अपने खेल से
उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ साथ वहां मौजूद सभी को प्रभावित किया | सारी लाइफलाइन चली जाने के बाद
अमिताभ बच्चन ने हिमानी को 15वां सवाल एक करोड़ के लिए पूछा, द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान फ्रांस में ब्रिटैन के
जासूस के रूप में काम करते हुए नूर इनायत खान ने कौनसे नाम का इस्तेमाल किया था ? इस सवाल के जवाब के
तौर पर ऑप्शन दिए गए थे वेरा एटकिंस, क्रिस्टीना स्कारबेक, जुलिएन अइसनेर, जीन मैरी रेनियर. इस सवाल का
सही जवाब था जीन मैरी रेनियर. 1 करोड़ के लिए पूछे गए इस सवाल का सही जवाब देते हुए हिमानी ने एक
करोड़ रुपए जीत लिए |
हिमानी बुंदेला की पढाई डॉ शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैबिलिटेशन यूनिवर्सिटी से हुई है। यह देश का एकमात्र ऐसा
यूनिवर्सिटी है जिसको आदरणीय बहन मायावतीजी ने अपने कार्यकाल में बनाई थी |
के दिव्यांग जनों के लिए एक अनोखा और एकमात्र ऐसा यूनिवर्सिटी है जो राष्ट्र को समर्पित है। यहां से कितने
लाखों-करोड़ों बच्चे दिव्यांग छात्र-छात्राएं ज्ञान की रोशनी से दुनिया को रौशन करेंगे , इसका कोई आकलन नहीं
कर सकता। कल मैं कौन बनेगा करोड़पति देख रहा था कल का एपिसोड बहुत ही दिलचस्प और भावुक भी था
क्योंकि केबीसी के इतिहास में पहली बार कोई सक्स जिसकी ज्ञान की दृष्टि के सामने उसकी आंखें देख पा रही कि
नहीं उसकी कोई मायने नहीं है ।
KBC के दौरान जब उसको पूछा गया कि आपने दोनों नेत्र एक्सीडेंट मे गवाने के बाद वह कैसे इतने ज्ञान की
मालकिन बन पाए। तो उसके जवाब पर बुंदेला ने अपने जवाब मे बताई की चारों तरफ मायूसी और KBC के बाद
जब इसको पता चला कि लखनऊ में डॉक्टर शकुंतला मिश्रा नैशनल रिहैबिलिटेशन युनिवर्सिटी है जो देश का
पहला ऐसा इंवर्सिटी है जहां पर दिव्यांग लोगों के लिए एक अनोखा वातावरण है और पाठ्यक्रम भी है जिससे कोई
दिव्यांग अपना ज्ञान की पूर्णता को लाभ कर सकती है। तो उसकी जान में जान है और उसी और चल पड़ी और
आज यहीं पर है।
डॉ शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैबिलिटेशन यूनिवर्सिटी देश का एकमात्र ऐसा यूनिवर्सिटी है जिसको आदरणीय बहन
जी ने अपने कार्यकाल में बनाई थी एक दूरदर्शिता और एक राष्ट्र नेता के तौर पर, जिसके चलते बुंदेला जैसी
लड़कियां आज KBC में ज्ञान का परीक्षा पास कर पूरे दुनिया को चकित कर रही है।
धन्य है आदरणीय कुमारी मायावती जी आपकी दूरदर्शिता मैं सलाम करता हूं आज यहां से कितने लाखों करोड़
बच्चे शिक्षा प्राप्त कर ज्ञान की ऊंचाई को छू लेंगे और नई उर्जा और उत्साह के साथ अपनी जिंदगी जिएंगे।
Note-(दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश द्वारा स्थापित डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास
विश्वविद्यालय 29 अगस्त, 2008 को एक अध्यादेश द्वारा लाया गया, जिसे बाद में यू.पी. 2009 का अधिनियम संख्या
1, दिनांक 19 फरवरी, 2009 और यू.पी. 2011 का अधिनियम संख्या 24, दिनांक 28 नवंबर, 2011।
अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय, जो पूरी तरह से बाधा मुक्त वातावरण में, चुनौतीपूर्ण छात्रों को सुलभ और
गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान करता है।
हम अद्वितीय हैं, दूसरों से बहुत अलग हैं...
हमारा जनादेश प्राथमिक रूप से समाज के विकलांग वर्ग (चुनौतीपूर्ण छात्रों) की सेवा करना है जिसके लिए
सामान्य आरक्षण नीति के अलावा विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रमों में 50% सीटों का क्षैतिज आरक्षण प्रदान किया
गया है।
- आकाश आनंद बसपा कोऑर्डिनेटर
#HimaniBundela
- आकाश आनंद बसपा कोऑर्डिनेटर
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