15 जनवरी - जन-कल्याणकारी दिवस एवं इसके उदेश्य.??
भारत की सबसे कम उम्र की महिला मुख्यमंत्री बहुजन समाज की आन बान शान बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय
भारत की सबसे कम उम्र की महिला मुख्यमंत्री बहुजन समाज की आन बान शान बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय
अध्यक्षा, भारत के सबसे बड़े सूबे की चार-चार बार मुख्यमंत्री रहीं,भारत की प्रथम बहुजन मुख्यमंत्री,बहुजन
समाज और उसकी राजनीति की धुरी,पूर्व लोकसभा सदस्य,पूर्व राज्यसभा सदस्य ,बहुजन महानायिका,द आयरन
लेडी,बाबासाहेब अम्बेडकर और मान्यवर कांशीराम साहब के पद चिन्हों पर चलने वाली,सामाजिक क्रांति की
अग्रदूत, बहुजन समाज के स्वाभिमान की प्रतीक बहन मायावती जी के जंन्मदिवस(जन-कल्याणकारी दिवस) की
हार्दिक बधाईयाँ एंव मंगलकामनाएं
आप जिये हजारों साल
साल के दिन हो पचास हजार
द आयरनलेडी आदरणीया_सुश्री बहन कु. मायावती_जी
सैल्यूट है आपको
साथियों बहन मायावती जी होना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है
सम्मानित साथियों हमारा वोट ही,हमारी ताकत है यह लोकतन्त्र में सबसे बड़ी ताकत वाला हथियार है
जब जरूरत थी चमन को तो लहू हमने दिया अब बहार आई तो कहते हैं तेरा काम नहीं है
यदि हमने इसे सही तरीके से उपयोग नही किया तो यह हथियार, हमारे खिलाफ भी उतनी ही ताकत से काम
करेगा जैसा की हम उसे उपयोग कर सकते है
इतिहास में सन् 2008 के आठवें महीने का 28 वां दिन उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री द आयरन लेडी बहन जी
वोट की ताकत से ही हमारा वजुद है
इतिहास में सन् 2008 के आठवें महीने का 28 वां दिन उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री द आयरन लेडी बहन जी
मायावती को हमेशा याद रहने वाला है क्योंकि यही वह दिन है जब दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में शुमार
‘फोर्ब्स’ ने उन्हें दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल किया था
बहन मायावती के शासन में करीब 23 लाख 10 हजार स्थाई रोजगार दिया गया था जिसमे बहुजन समाज को
बहन मायावती के शासन में करीब 23 लाख 10 हजार स्थाई रोजगार दिया गया था जिसमे बहुजन समाज को
60 %अधिक भागीदारी मिली जो भारत के इतिहास में रिकॉर्ड है ।इस रिकॉर्ड को बहन जी ही तोड़ सकती हैं।
नौकरी देना बड़ी बात नहीं है बड़ी बात ये है कि हजारों साल से बंचित समाज (एससी,एसटी, ओबीसी)को बिना
जातिगत भेदभाव के भागीदारी देना,ऐसा केवल बसपा शासन में हुआ है —
नीली क्रांति - न्याय,सम्मान,स्वाभिमान,समता एंव स्वतंत्रता
मायावती होना मुश्किल है लखनऊ पार्क की लगत 100 करोड़ (आधिकारिक) और एक नया पैसा विदेश नहीं गया
देश के संसाधनों से देश की प्रतिभाओं ने अद्वितीय कारनामा कर दिखाया 2007 में जब द आयरनलेडी मायावती ने
यूपी की सत्ता संभाली तो पिछला बजट था 80 हजार करोड़ का —
और जब 2012 में मायावती जी ने सत्ता छोड़ी तो बजट 2 लाख करोड़ से ऊपर था मायावतीजी द्वारा पेश आखिरी
और जब 2012 में मायावती जी ने सत्ता छोड़ी तो बजट 2 लाख करोड़ से ऊपर था मायावतीजी द्वारा पेश आखिरी
बजट में राजकोषीय घाटा 2.8% था और उसी वर्ष भारत सरकार का राजकोषीय घाटा 5.2% था इसलिए आर्थिक
नीतियों के मामले में भी मायावती होना मुश्किल है
लखनऊ,चमकाया,नोएडा,चमकाया,एक्सप्रेसवे दिया, फार्मूला वन ट्रैक दिया,किसानों को उनकी मर्जी का
लखनऊ,चमकाया,नोएडा,चमकाया,एक्सप्रेसवे दिया, फार्मूला वन ट्रैक दिया,किसानों को उनकी मर्जी का
मुआवजा दिया बिजली उत्पादन 5 साल में 3500 MW से #8000MV पहुँचा दिया इसलिए मायावती बनना मुश्किल
है.
द आयरनलेडी बहन मायावती जी ने अपने शासन काल में
7 मेडिकल कालेज,
5 इंजीनियरिंग कालेज,
2 होम्योपैथिक कालेज,2 पैरा-मेडिकल कालेज,
6 विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय,
5 इंजीनियरिंग कालेज,
2 होम्योपैथिक कालेज,2 पैरा-मेडिकल कालेज,
6 विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय,
100से अधिक डिग्री कालेज,
572_हाईस्कूल,
100 से अधिक ITI खोले
कभी गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय नोएडा जा कर देखिये...
इसलिए मायावती बनना मुश्किल है
बहन मायावती जी का शासन कानून_का_शासन होता है मायावती जी को शासन चलाने के लिए किसी विशेष-
बहन मायावती जी का शासन कानून_का_शासन होता है मायावती जी को शासन चलाने के लिए किसी विशेष-
सख्त कानून की जरुरत नहीं होती इसी लिए मायावती ने अपने शासन में अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार
निवारण कानून से तुरंत गिरफ़्तारी का प्रावधान हटवा दिया था
इसलिए मायावती होना मुश्किल है
जनता की सुविधा के लिए
जनता की सुविधा के लिए
27 ने जिलों का गठन किया
27 नए जिला अस्पताल
27 ने जिला एवं सत्र न्यायालय
27 ने जिलाधिकारी कार्यालय,
27 ने जिला एवं सत्र न्यायालय
27 ने जिलाधिकारी कार्यालय,
27 ने विकासभवन भी बनाये गए.
45 नई तहसील
और 40 विकास खंड बने
जिसमें लाखो लोगों को रोजगार मिला
इसलिए मायावती होना मुश्किल है
बहन मायावती जी के समय में
ठेकों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए ई टेंडरिंग शुरू की गई मायावती के शासन में हुई
किसी भर्ती में पक्षपात या भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा और न ही कोई भर्ती कोर्ट में चेलेंज की गई
बहन मायावती जी के समय में
ठेकों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए ई टेंडरिंग शुरू की गई मायावती के शासन में हुई
किसी भर्ती में पक्षपात या भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा और न ही कोई भर्ती कोर्ट में चेलेंज की गई
इसलिए मायावती होना मुश्किल है
द आयरनलेडी बहन मायावती जी ने अपने 1995 की सरकार में अपने मात्र 4 महीने के शासन काल में 7 लाख
एकड़ खेती की जमीनों के पट्टे भूमिहीनो को दिए उसके बाद के हर शासन में ये आंकड़ा और बढ़ा
इसलिए मायावती होना मुश्किल नहीं नामुमकिन भी है
बहन मायावती जी भारत में सबसे कम उम्र की महिला मुख्यमंत्री हैं और भारत की इकलौती बहुजन मुख्यमंत्री भी
बहुत ही कम लोग जानते है की इतनी कम उम्र में ही उन्होंने उत्तर प्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री पद का चुनाव जीता
है और चार बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त किया है
साथियों जब कभी भी भारतवर्ष के बहुजनों की महिलाओं के सशक्तिकरण का इतिहास लिखा जाएगा तो इसकी
साथियों जब कभी भी भारतवर्ष के बहुजनों की महिलाओं के सशक्तिकरण का इतिहास लिखा जाएगा तो इसकी
शुरुआत बाबा साहेब अम्बेडकर जी से शुरू होगी और मां कांशीराम जी से गुजरती हुई ही आगे जाएगी ! साधारण
परिवार की एक बहुजन महिला को देश के सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री बनाने का मान्यवर कांशीराम जी द्वारा
किया गया महान ऐतिहासिक कार्य क्या वास्तव में ही महिला सशक्तिकरण का महान कार्य है
द आयरनलेडी बहन मायावती जी एकलौती ऐसी महिला शख्सियत हैं जिनके पास इतनी शक्ति है और उत्तर प्रदेश
द आयरनलेडी बहन मायावती जी एकलौती ऐसी महिला शख्सियत हैं जिनके पास इतनी शक्ति है और उत्तर प्रदेश
और पूरे राष्ट्र को संभाल सकने में सक्षम है
बहन मायावती जी के प्रशंसक और उनके चाहने वाले उनको प्यार से बहन जी के नाम से बुलाते हैं
यूपी विधानसभा के इतिहास में सबसे ज्यादा चार बार मुख्यमंत्री और बहन जी के नाम से लोकप्रिय बीएसपी राष्ट्रीय
बहन मायावती जी के प्रशंसक और उनके चाहने वाले उनको प्यार से बहन जी के नाम से बुलाते हैं
यूपी विधानसभा के इतिहास में सबसे ज्यादा चार बार मुख्यमंत्री और बहन जी के नाम से लोकप्रिय बीएसपी राष्ट्रीय
अध्यक्ष बहन मायावती जी एक सख्त शासक और आयरन लेडी के तौर पर जानी जाती हैं
इसी सख्ती की वजह से कानून का राज स्थापित करने के लिए उनकी तारीफ होती है.एक महिला का राजनीति में
इसी सख्ती की वजह से कानून का राज स्थापित करने के लिए उनकी तारीफ होती है.एक महिला का राजनीति में
आना,संघर्ष करना और चुनाव भी जीतना बहुत मायने रखता है और एक बहुजन समाज की महिला का शक्ति में
आना किसी को एक नहीं भाता लेकिन बहन मायावती जी ने इन सब बातों पर ध्यान ना देते हुए अपने राजनीतिक
करियर को चमकाया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर चार बार शासन किया.पूरे बहुजन समाज को गर्व
है बहन जी
महिला सशक्तिकरण के इन दोनों ऐतिहासिक उदाहरणों के अतिरिक्त एक और उदाहरण भी मिलता है. वह है 3
महिला सशक्तिकरण के इन दोनों ऐतिहासिक उदाहरणों के अतिरिक्त एक और उदाहरण भी मिलता है. वह है 3
जून 1995 को देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री के रूप में मायावती का मुख्यमंत्री बनना.यही वह
वास्तविक उदाहरण है जिसे ‘महिला सशक्तिकरण’ के लिए दिया जा सकता है. अन्य महिलाएं भी इससे प्रेरणा ले
सकती हैं
क्योंकि कुमारी मायावती अन्य महिलाओं की तरह संपन्न वर्ग से नहीं थी और ना ही किसी सुल्तान या प्रधानमंत्री की
क्योंकि कुमारी मायावती अन्य महिलाओं की तरह संपन्न वर्ग से नहीं थी और ना ही किसी सुल्तान या प्रधानमंत्री की
औलाद हैं. दूसरा सबसे बड़ा कारण वो दोनों उदाहरण तो केवल इतिहास भर है जबकि द आयरलेडी बहन
मायावती जी का उदाहरण इतिहास और वर्तमान दोनों है
जिस शोषित समाज से पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का सम्बन्ध है,उस समुदाय से उठकर एक महिला को मुख्यमंत्री
जिस शोषित समाज से पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का सम्बन्ध है,उस समुदाय से उठकर एक महिला को मुख्यमंत्री
की कुर्सी तक पहुंचाने वाले महान योद्धा ‘बहुजन नायक मान्यवर कांशीराम जी’ थे. अगर सही मायनों में देखा जाए
तो मान्यवर कांशीराम जी महिला सशक्तिकरण के वास्तविक नायक नजर आते हैं इस महिला उत्थान से सम्बन्धित
इतने मजबूत उदहारण को जातिवादी मीडिया और सब लोग बायकाट करते है; और साथ में दलित/बहुजन
चिन्तक भी
बहन मायावती जी ने अपने कार्यकाल के दौरान शोषितों, वंचितों,पिछड़ो और बौद्ध धम्म के सम्मान में कई स्मारक स्थापित किये | बहन मायावती जी की पहचान देश प्रदेश में एक दमदार प्रशासक की |
जीवन-
1956 दिल्ली में जन्म
1977: शिक्षिका के रूप में करियर की शुरुआत
1977: शिक्षिका के रूप में करियर की शुरुआत
1984: शिक्षिका की नौकरी छोड़ कर बसपा में प्रवेश और अपने पहले लोक सभा चुनाव अभियान का प्रारंभ
1989: लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 13 सीटों पर जीत हासिल की
1995: उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री के रूप में चुनी गई
(प्रथम कार्यकाल 3 जून 1995 से 18 अक्टूबर 1995 तक )
1997: दोबारा मुख्यमंत्री के रूप में चुनी गई
( दूसरा कार्यकाल 21 मार्च 1997 से 21 सितंबर 1997 तक)
2001: मां कांशीराम साहब जी की उत्तराधिकारी घोषित की गई
2002: एक बार फ़िर उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी
(3 मई 2002 से 29 अगस्त 2003 तक)
2007: चौथी बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री नियुक्त हुई
(13 मई 2007 से 15,मार्च,2012)
बनाए कई कीर्तिमान
यूपी में सबसे ज्यादा चार बार मुख्यमंत्री रहीं
प्रदेश की विधानसभा के इतिहास में पूरे कार्यकाल तक सीएम मुख्यमंत्री रहीं
देश की पहली बहुजन महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव भी मायावती को ही हासिल है
द आयरनलेडी बहन मायवती जी पर लिखी गयी किताबें: Mayawati Biography
वरिष्ठ पत्रकार मोहम्मद जमील अख्तर ने मायावती के ऊपर अपनी एक किताब लिखी जिसका नाम है, “आयरन
लेडी कुमारी मायावती जी.” यह किताब 14,अप्रैल,1999 मां काशीराम साहब के कर कमलों के द्वारा डॉक्टर
अंबेडकर के जन्मदिवस पर इसका लोकार्पण किया गया —
एक अन्य पत्रकार, अजय बोस ने मायावती जी के ऊपर एक राजनीतिक बायोग्राफी लिखी है जिसका नाम है
एक अन्य पत्रकार, अजय बोस ने मायावती जी के ऊपर एक राजनीतिक बायोग्राफी लिखी है जिसका नाम है
“बहनजी”
वह उत्तर प्रदेश की पहली ऐसी नेता हैं,जिन्होंने नौकरशाहों को बताया कि वे मालिक नहीं, जनसेवक हैं. भारतीय
वह उत्तर प्रदेश की पहली ऐसी नेता हैं,जिन्होंने नौकरशाहों को बताया कि वे मालिक नहीं, जनसेवक हैं. भारतीय
लोकतंत्र को समाज की सबसे पिछली कतार से निकली एक सामान्य महिला की उपलब्धियों पर गर्व होना चाहिए.’
विशेष साभार-बहुजन समाज और उसकी राजनिति,मेरे संघर्षमय जीवन एवं बहुजन समाज का मूवमेंट,दलित
विशेष साभार-बहुजन समाज और उसकी राजनिति,मेरे संघर्षमय जीवन एवं बहुजन समाज का मूवमेंट,दलित
दस्तक,लेखक विकिपीडिया,फारवर्ड प्रेस,बीबीसी न्यूज}
साथियों हमें ये बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि हमारे पूर्वजों का संघर्ष और बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। हमें
साथियों हमें ये बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि हमारे पूर्वजों का संघर्ष और बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। हमें
उनके बताए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए
साथियों आज हमें अगर कहीं भी खड़े होकर अपने विचारों की अभिव्यक्ति करने की आजादी है,समानता का
साथियों आज हमें अगर कहीं भी खड़े होकर अपने विचारों की अभिव्यक्ति करने की आजादी है,समानता का
अधिकार है तो यह सिर्फ और सिर्फ परमपूज्य बाबासाहेब आंबेडकर जी के संघर्षों से मुमकिन हो सका है.भारत
वर्ष का जनमानस सदैव बाबा साहेब डा भीमराव अंबेडकर जी का कृतज्ञ रहेगा.इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात
खत्म करता हूं। सामाजिक न्याय के पुरोधा तेजस्वी क्रांन्तिकारी शख्शियत परमपूज्य बोधिसत्व भारत रत्न
बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी चरणों में कोटि-कोटि नमन करता हूं
जिसने देश को दी नई दिशा””…जिसने आपको नया जीवन दिया वह है आधुनिक भारत के निर्माता बाबा साहेब
अम्बेडकर जी का संविधान
सच अक्सर कड़वा लगता है। इसी लिए सच बोलने वाले भी अप्रिय लगते हैं। सच बोलने वालों को इतिहास के पन्नों
सच अक्सर कड़वा लगता है। इसी लिए सच बोलने वाले भी अप्रिय लगते हैं। सच बोलने वालों को इतिहास के पन्नों
में दबाने का प्रयास किया जाता है, पर सच बोलने का सबसे बड़ा लाभ यही है, कि वह खुद पहचान कराता है और
घोर अंधेरे में भी चमकते तारे की तरह दमका देता है। सच बोलने वाले से लोग भले ही घृणा करें, पर उसके तेज के
सामने झुकना ही पड़ता है ! इतिहास के पन्नों पर जमी धूल के नीचे ऐसे ही बहुजन महापुरुषों का गौरवशाली
इतिहास दबा है
मां कांशीराम साहब जी ने एक एक बहुजन नायक को बहुजन से परिचय कराकर, बहुजन समाज के लिए किए
मां कांशीराम साहब जी ने एक एक बहुजन नायक को बहुजन से परिचय कराकर, बहुजन समाज के लिए किए
गए कार्य से अवगत कराया सन 1980 से पहले भारत के बहुजन नायक भारत के बहुजन की पहुँच से दूर थे,इसके
हमें निश्चय ही मान्यवर कांशीराम साहब जी का शुक्रगुजार होना चाहिए जिन्होंने इतिहास की क्रब में दफन किए
गए बहुजन नायक/नायिकाओं के व्यक्तित्व को सामने लाकर समाज में प्रेरणा स्रोत जगाया
इसका पूरा श्रेय मां कांशीराम साहब जी को ही जाता है कि उन्होंने जन जन तक गुमनाम बहुजन नायकों को
पहुंचाया, मां कांशीराम साहब के बारे में जान कर मुझे भी लगा कि गुमनाम बहुजन नायकों के बारे में लिखा जाए !
ऐ मेरे बहुजन समाज के पढ़े लिखे लोगों जब तुम पढ़ लिखकर कुछ बन जाओ तो कुछ समय ज्ञान,पैसा,हुनर उस
ऐ मेरे बहुजन समाज के पढ़े लिखे लोगों जब तुम पढ़ लिखकर कुछ बन जाओ तो कुछ समय ज्ञान,पैसा,हुनर उस
समाज को देना जिस समाज से तुम आये हो
साथियों एक बात याद रखना आज करोड़ों लोग जो बाबासाहेब जी,माँ रमाई के संघर्षों की बदौलत कमाई गई रोटी
साथियों एक बात याद रखना आज करोड़ों लोग जो बाबासाहेब जी,माँ रमाई के संघर्षों की बदौलत कमाई गई रोटी
को मुफ्त में बड़े चाव और मजे से खा रहे हैं ऐसे लोगों को इस बात का अंदाजा भी नहीं है जो उन्हें
ताकत,पैसा,इज्जत,मान-सम्मान मिला है वो उनकी बुद्धि और होशियारी का नहीं है बाबासाहेब जी के संघर्षों की
बदौलत है
साथियों आँधियाँ हसरत से अपना सर पटकती रहीं,बच गए वो पेड़ जिनमें हुनर लचकने का था ——
तमन्ना सच्ची है,तो रास्ते मिल जाते हैं,तमन्ना झूठी है,तो बहाने मिल जाते हैं,जिसकी जरूरत है रास्ते उसी को खोजने
साथियों आँधियाँ हसरत से अपना सर पटकती रहीं,बच गए वो पेड़ जिनमें हुनर लचकने का था ——
तमन्ना सच्ची है,तो रास्ते मिल जाते हैं,तमन्ना झूठी है,तो बहाने मिल जाते हैं,जिसकी जरूरत है रास्ते उसी को खोजने
होंगें निर्धनों का धन उनका अपना संगठन है,ये मेरे बहुजन समाज के लोगों अपने संगठन अपने झंडे को मजबूत
करों शिक्षित हो संगठित हो,संघर्ष करो !
साथियों झुको नही,बिको नहीं,रुको नही, हौसला करो,तुम हुकमरान बन सकते हो,फैसला करो हुकमरान बनो"*
सम्मानित साथियों हमें ये बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि हमारे पूर्वजों का संघर्ष और बलिदान व्यर्थ नहीं जाना
साथियों झुको नही,बिको नहीं,रुको नही, हौसला करो,तुम हुकमरान बन सकते हो,फैसला करो हुकमरान बनो"*
सम्मानित साथियों हमें ये बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि हमारे पूर्वजों का संघर्ष और बलिदान व्यर्थ नहीं जाना
चाहिए। हमें उनके बताए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए !
सभी अम्बेडकरवादी भाईयों, बहनो,को नमो बुद्धाय सप्रेम जयभीम! सप्रेम जयभीम !!
बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी ने कहा है जिस समाज का इतिहास नहीं होता, वह समाज कभी भी शासक
सभी अम्बेडकरवादी भाईयों, बहनो,को नमो बुद्धाय सप्रेम जयभीम! सप्रेम जयभीम !!
बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी ने कहा है जिस समाज का इतिहास नहीं होता, वह समाज कभी भी शासक
नहीं बन पाता… क्योंकि इतिहास से प्रेरणा मिलती है, प्रेरणा से जागृति आती है, जागृति से सोच बनती है, सोच से
ताकत बनती है, ताकत से शक्ति बनती है और शक्ति से शासक बनता है !”
इसलिए मैं आप लोगो को इतिहास के उन पन्नों से रूबरू कराने की कोशिश कर रहा हूं जिन पन्नों से बहुजन
इसलिए मैं आप लोगो को इतिहास के उन पन्नों से रूबरू कराने की कोशिश कर रहा हूं जिन पन्नों से बहुजन
समाज का सम्बन्ध है जो पन्ने गुमनामी के अंधेरों में खो गए और उन पन्नों पर धूल जम गई है, उन पन्नों से धूल हटाने
की कोशिश कर रहा हूं इस मुहिम में आप लोगों मेरा साथ दे, सकते हैं !
पता नहीं क्यूं बहुजन समाज के महापुरुषों के बारे कुछ भी लिखने या प्रकाशित करते समय “भारतीय जातिवादी
पता नहीं क्यूं बहुजन समाज के महापुरुषों के बारे कुछ भी लिखने या प्रकाशित करते समय “भारतीय जातिवादी
मीडिया” की कलम से स्याही सूख जाती है —
इतिहासकारों की बड़ी विडम्बना ये रही है,कि उन्होंने बहुजन नायकों के योगदान को इतिहास में जगह नहीं दी
इतिहासकारों की बड़ी विडम्बना ये रही है,कि उन्होंने बहुजन नायकों के योगदान को इतिहास में जगह नहीं दी
इसका सबसे बड़ा कारण जातिगत भावना से ग्रस्त होना एक सबसे बड़ा कारण है इसी तरह के तमाम ऐसे बहुजन
नायक हैं,जिनका योगदान कहीं दर्ज न हो पाने से वो इतिहास के पन्नों में गुम हो गए
बहुजन_नायकों को मैं कोटि-कोटि नमन करता हूं !
जय रविदास
जय कबीर
जय भीम
जय नारायण गुरु
जय ज्योतिबा फुले
जय सावित्रीबाई फुले
जय माता रमाबाई अम्बेडकर
जय ऊदा देवी पासी
जय झलकारी बाई कोरी
जय बाबा तिलका मांझी
जय बिरसा मुंडा
जय बाबा घासीदास
जय संत गाडगे बाबा
जय पेरियार रामास्वामी नायकर
जय छत्रपति शाहूजी महाराज
जय शिवाजी महाराज
जय काशीराम साहब
जय मातादीन भंगी
जय कर्पूरी ठाकुर
जय पेरियार ललई सिंह यादव
जय मंडल
जय हो उन सभी गुमनाम बहुजन महानायकों की जिंन्होने अपने संघर्षो से
बहुजन समाज को एक नई पहचान दी,स्वाभिमान से जीना सिखाया !
माननीय बहन जी आप महान हो। जय भीम
माननीय बहन जी आप महान हो। जय भीम
साभार - दिलीप गौतम | बसपा जिला अध्यक्ष (लक्ष्मी नगर)
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