यात्रा की शुरुवात। इस दांडी यात्रा का उदघाटन महात्मा गाँधी के पोते तुषार अरुण गांधी ने की। इस अवसर पर
डॉ बाबासाहब आंबेडकरजी के पोते और वंचित बहुजन अघाड़ी की अध्यक्ष ऎड बालासाहब तथा प्रकाश
आंबेडकर उपस्तिथ थे।
आपको बता दे की आजसे 90 साल पहले महात्मा गाँधी ने आज के दिन दांडी यात्रा की शुरुवात की थी। यह
आपको बता दे की आजसे 90 साल पहले महात्मा गाँधी ने आज के दिन दांडी यात्रा की शुरुवात की थी। यह
दांडी यात्रा 12 मार्च 1930 साबरमती आश्रम अहमदाबाद से 6 एप्रिल 1930 दांडी नवसारी तक चली थी ।
देश की हालात देखकर एक बार फिर लोगों को एकजुट करने का वक्त आया है। इस यात्रा के माध्यम से देश में
देश की हालात देखकर एक बार फिर लोगों को एकजुट करने का वक्त आया है। इस यात्रा के माध्यम से देश में
"शांति मार्च" का सन्देश दिया जायेगा , ऐसा तुषार गाँधी का कहना है।
इस यात्रा का प्रारम्भ डॉ बाबासाहब आंबेडकर की स्तुति सहित सर्वधर्म प्रार्थना ली गयी। बाद में वैष्णववजन और
इस यात्रा का प्रारम्भ डॉ बाबासाहब आंबेडकर की स्तुति सहित सर्वधर्म प्रार्थना ली गयी। बाद में वैष्णववजन और
राम धुन ली गयी। ह्रदय कुञ्ज में प्रकाश आंबेडकर और तुषार गाँधी ने महात्मा गाँधी की प्रतिमा को पुष्पहार
चढ़ाया। संविधान की प्रस्तावना प्रकाश आंबेडकर द्वारा पढ़ने के बाद इस शांति मार्च अर्थात दांडी यात्रा की
शुरुवात की गयी। कांग्रेस कार्यकर्ताओंद्वारा बाइक रैली क योजन किया गया।

इस यात्रा को हम पैदल चलकर ६ एप्रिल को दांडी में समारोप करेंगे ऐसा तुषार गाँधी ने कहा।
अंतता:
२० वि शताब्दी के वैचारिक विरोध रखनेवाले दो महामानव आज के समय उनके पोते संविधान और देश
को बचाने हेतु एकसाथ शांति मार्च कर के देश को टूटने से बचाने के लिए साथ आये है। हमें भी इस मनुव्यवस्था
को नष्ट करने के लिए एक साथ आकर मुकाबला करना होगा।
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